Newsindia live,Digital Desk: रांची में नदी, डैम और तालाबों के किनारे अतिक्रमण कर घर बनाने वालों के लिए अब खतरे की घंटी बज चुकी है। जिला प्रशासन ने जल स्रोतों को बचाने के लिए अब तक का सबसे बड़ा और सख्त एक्शन लेने का मन बना लिया है। जल्द ही शहर के ऐसे सभी अवैध निर्माणों पर बुलडोजर गरजना शुरू हो जाएगा, जिन्होंने जलाशयों के अस्तित्व पर संकट खड़ा कर दिया है।क्यों लिया गया यह सख्त फैसला?रांची और इसके आसपास के इलाके अपनी खूबसूरत झीलों और तालाबों के लिए जाने जाते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में बढ़ते शहरीकरण और अवैध कब्जे के कारण ये जल स्रोत या तो सिकुड़ गए हैं या फिर गंदगी का ढेर बन गए हैं।इस गंभीर स्थिति को देखते हुए और अदालती आदेशों का पालन करते हुए, जिला प्रशासन अब 'एक्शन मोड' में आ गया है।कैसे होगी कार्रवाई?रांची के उपायुक्त (DC) के निर्देश पर एक स्पेशल टीम का गठन किया गया है, जिसने शहर के सभी प्रमुख जलाशयों का सर्वे पूरा कर लिया है।बड़ा तालाब और कांके डैम पर खास नजरप्रशासन का सबसे पहला फोकस शहर की लाइफलाइन माने जाने वाले बड़ा तालाब और कांके डैम पर है। यहां हुए सबसे ज्यादा अतिक्रमण को प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाएगा।यह अभियान शहर के पर्यावरण और जल स्रोतों को बचाने के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि, इससे उन हजारों लोगों के सामने विस्थापन का संकट भी खड़ा हो सकता है, जो सालों से इन जगहों पर रह रहे हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मानवीय पहलू और पर्यावरणीय जरूरत के बीच कैसे संतुलन बनाता है।
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