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Pahalgam Terror Attack: पहलगाम हमले में NIA के हाथ लगा बड़ा सुराग…; मुश्ताक अहमद जरगर कौन हैं?

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पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बड़ा सुराग हाथ लगा है। पहलगाम हमले में अल उमर मुजाहिदीन के प्रमुख मुश्ताक अहमद जरगर की भूमिका सामने आई है। एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि पहलगाम हमले में जरगर के समर्थकों ने ओवरग्राउंड वर्करों की मदद की थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुश्ताक अहमद जरगर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ऑपरेशनल कमांडर है और 2019 के पुलवामा हमले का आरोपी भी है। मौलाना मसूद अजहर और मुश्ताक जरगर को दिसंबर 1999 के कंधार अपहरण मामले में बरी कर दिया गया। वह फिलहाल पाकिस्तान में रहते हैं। यह महत्वपूर्ण खुलासा विभिन्न मामलों में गिरफ्तार ओवरग्राउंड वर्करों से पूछताछ के दौरान हुआ है।

 

एनआईए ने 2023 में जरगर का घर जब्त किया

जरगर के आतंकी संगठन पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है और उसके घर को 2023 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जब्त कर लिया है। मुश्ताक जरगर फिलहाल पाकिस्तान में है और कहा जाता है कि वह श्रीनगर का रहने वाला है और ओवरग्राउंड वर्करों और उनके समर्थकों के बीच उसका प्रभाव है। इसीलिए पहलगाम आतंकी हमले में जरगर की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

पहलगाम आतंकी हमले में 26 की मौत

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे। मरने वालों में अधिकांश पर्यटक थे। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। इसके अलावा पाकिस्तानी वीजा भी रद्द कर दिया गया। भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार का व्यापार पूरी तरह से बंद कर दिया।

 

कंधार विमान अपहरण की घटना कब हुई?

1999 में इंडियन एयरलाइंस का एक विमान नेपाल से अपहृत कर लिया गया था। आतंकवादी उन्हें काठमांडू से अमृतसर और लाहौर तथा फिर अफगानिस्तान के कंधार ले गए। इस विमान में 180 यात्री सवार थे। इन यात्रियों के बदले में आतंकियों ने मौलाना मसूद अजहर समेत 3 आतंकियों को रिहा करने की शर्त रखी थी। आतंकवादियों ने विमान को एक सप्ताह तक अपहृत रखा। यात्रियों की जान बचाने के लिए तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने तीनों आतंकवादियों को रिहा करने का फैसला किया। इनमें मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख शामिल थे। इन आतंकवादियों को एक विशेष विमान से कंधार ले जाया गया। इसी मसूद अजहर ने 2000 में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की थी।

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