ज्योतिष: भारत में अनेक मंदिर हैं जो चमत्कारों के लिए जाने जाते हैं। इनमें से एक प्रमुख मंदिर उज्जैन में स्थित मंगलनाथ है, जो मंगल दोष के निवारण के लिए प्रसिद्ध है।
यहां पर मंगल दोष से ग्रसित लोग विधिपूर्वक पूजा करते हैं। जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है, उन्हें करियर और विवाह में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोग इस मंदिर में जाकर मंगल शांति के लिए पूजा-पाठ करवाते हैं। आइए, इस मंदिर से जुड़ी मान्यताओं पर एक नजर डालते हैं।
श्रद्धालुओं की भीड़
महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित मंगलनाथ मंदिर एक अत्यंत प्रसिद्ध स्थल है। मान्यता है कि यहां मांगलिक दोष के निवारण के लिए पूजा की जाती है। इस मंदिर में न केवल भारत से, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं। यहां सालभर में करोड़ों की संख्या में लोग दर्शन और पूजा के लिए आते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उज्जैन को मंगल की नगरी कहा जाता है, इसलिए यहां पीड़ित लोग मंगल दोष के समाधान के लिए आते हैं।
मंगल दोष से जुड़ी समस्याएं
मंगल दोष के कारण व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जैसे विवाह में देरी और गुस्से की समस्या। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब किसी की कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति खराब होती है। यदि मंगल लग्न भाव, चौथे भाव, सातवें भाव, आठवें भाव या बारहवें भाव में हो, तो यह दोष उत्पन्न होता है। ऐसे जातक को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
मंगल दोष के उपाय
ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को क्रूर माना जाता है। इसके शांति के उपाय करने से मंगल दोष का प्रभाव कम किया जा सकता है। हनुमान जी की आराधना, बजरंग बाण और हनुमान चालीसा का जाप करने से भी मंगल दोष का प्रभाव समाप्त होता है। यदि किसी की कुंडली में मंगल दोष है, तो उसे उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में अवश्य जाना चाहिए। यहां दर्शन और पूजा-पाठ करने से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है।
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