स्मार्ट खेती की सफलता: हिमांशु नाथ की प्रेरणादायक कहानी: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के हिमांशु नाथ सिंह ने गन्ने और केले की खेती में अद्भुत सफलता हासिल की है।
उन्होंने एक हेक्टेयर में 2470 क्विंटल गन्ना उगाकर सालाना 1 करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर प्राप्त किया। यह उपलब्धि न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दर्शाती है कि सही तकनीक और मेहनत से खेती में अपार संभावनाएं हैं। आइए, उनकी इस रोचक यात्रा को विस्तार से जानते हैं।
चुनौतियों को अवसर में बदलना
भारत में कृषि आज भी लाखों लोगों की आजीविका का मुख्य आधार है। लेकिन, बढ़ती लागत, मिट्टी की घटती उर्वरता और मौसम की अनिश्चितता ने किसानों के लिए कई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।
कई किसान खेती छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं, लेकिन हिमांशु नाथ सिंह ने हार नहीं मानी। उन्होंने पारंपरिक और आधुनिक कृषि तकनीकों का संयोजन किया। जैविक खाद, गोबर खाद और जीवा अमृत जैसे प्राकृतिक उर्वरकों का उपयोग करके उन्होंने मिट्टी की सेहत में सुधार किया, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में वृद्धि हुई।
गन्ने और केले की स्मार्ट खेती
हिमांशु की स्मार्ट खेती की सफलता का राज सही समय पर बुआई और उन्नत तकनीक का उपयोग करना है। वे सितंबर के अंत से अक्टूबर तक गन्ने की बुआई करते हैं।
उनका मानना है कि सही समय पर बुआई फसल की गुणवत्ता के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, वे केले के साथ आलू, गोभी, फूलगोभी और सरसों की सहफसली खेती करते हैं, जो अतिरिक्त आय के साथ-साथ मिट्टी की उपजाऊता को भी बनाए रखता है। प्रति बीघा एक ट्रॉली गोबर खाद डालकर वे उत्पादन को और बेहतर बनाते हैं।
उन्नत तकनीक और मिनी ट्रैक्टर का योगदान
हिमांशु ने गन्ने की उन्नत किस्में जैसे 0118, 14235, 16202 और 0238 को अपनाया है, जो अधिक उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती हैं।
उन्होंने पौधों के बीच की दूरी 1 फीट और कतारों के बीच 5 फीट रखी, जिससे 90% जमाव और 50% बीज की बचत होती है। मिनी ट्रैक्टर के उपयोग से निराई-गुड़ाई और मिट्टी चढ़ाने का काम आसान हो गया है, जिससे समय, मेहनत और लागत में कमी आई है। उनकी यह तकनीक अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा है।
1 करोड़ रुपये का टर्नओवर: नई उम्मीद
हिमांशु 10 हेक्टेयर में गन्ने की खेती करते हैं। एक हेक्टेयर से 2470 क्विंटल गन्ना उत्पादन उनकी मेहनत का परिणाम है।
लागत और मुनाफे की बात करें तो 100 रुपये के टर्नओवर में 40 रुपये खर्च और 60 रुपये मुनाफा होता है। इस प्रकार, उनका सालाना टर्नओवर 1 करोड़ रुपये से अधिक है। हाल ही में, वे ग्लोबल फार्मर बिजनेस नेटवर्क (GFBN) से जुड़े हैं, जो टिकाऊ कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देता है। स्मार्ट खेती की सफलता की उनकी कहानी दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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