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झारखंड के 56 वर्षीय एक व्यक्ति ने आखिरकार 40 साल बाद अपनी दिहाड़ी मजदूरी की नौकरी को नियमित करवाने के लिए 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास कर ली है।
मैट्रिक परीक्षा में उसे 47.2 प्रतिशत अंक मिले, जिसके नतीजे 27 मई को घोषित किए गए। झारखंड के खूंटी के गंगा उरांव करीब 16 साल से दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम कर रहे थे। लेकिन नियमितीकरण के लिए उनका आवेदन इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि उन्होंने 10वीं कक्षा पास नहीं की है।
चुनौती स्वीकार करते हुए उन्होंने खूंटी के चालगी स्थित बिरसा हाई स्कूल से 10वीं की बोर्ड परीक्षा दी। वह जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) कार्यालय में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम कर रहे थे और उन्हें 47.2 प्रतिशत अंक मिले।
9वीं कक्षा से आगे की पढ़ाई जारी रखने के अपने संघर्षों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह 1983-84 में परीक्षा नहीं दे पाए थे। उस समय उनका परिवार 40 रुपये की मामूली रकम नहीं दे सकता था।
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