इस साल की दुर्गा पूजा धनबाद के व्यापारियों के लिए काफी लाभकारी साबित हुई है। इस धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव ने शहर के बाजार में 24 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है। इस दौरान कपड़ा, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य खुदरा दुकानों पर भारी भीड़ देखी गई।
कोयलाकर्मियों को बोनस मिलने से उनकी जेब में पैसे आए और उन्होंने इस मौके पर जमकर शॉपिंग की, जिससे बाजार में रौनक और व्यापार में वृद्धि हुई। इसके अलावा, पंडाल निर्माण, सजावट, और लाइटिंग के कामों ने हजारों लोगों को रोजगार भी प्रदान किया, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है।
त्योहारी सीजन में व्यापार की चमक:
दुर्गा पूजा के दौरान व्यापार में जो उछाल आया है, उससे छोटे व्यापारी भी खुश हैं। कपड़ा दुकानों पर साड़ी, लहंगा, और अन्य परिधान की बिक्री में वृद्धि हुई है, वहीं ज्वेलरी की दुकानों पर भी भारी संख्या में ग्राहकों ने आकर आभूषण खरीदे। इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों पर नए मोबाइल, टीवी, और अन्य घरेलू उपकरणों की बिक्री में भी अच्छा खासा इजाफा देखा गया।
रोजगार और रोजगार का असर:
पंडाल निर्माण और पूजा से जुड़े विभिन्न कामों में हजारों लोगों को रोजगार मिला है। कई लोग पंडाल की सजावट, लाइटिंग, और अन्य कामों में काम कर रहे थे, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हुई। इसके साथ ही, खाद्य और पेय पदार्थों की दुकानों पर भी भारी बिक्री हुई, क्योंकि पूजा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए खानपान की व्यवस्था भी बढ़ी थी।
आर्थिक उछाल और भविष्य की उम्मीदें:
इस त्योहारी सीजन ने धनबाद के व्यापारियों को सकारात्मक संकेत दिए हैं। उनका कहना है कि इस साल की दुर्गा पूजा के दौरान हुए भारी कारोबार से आर्थिक मंदी के बाद कुछ राहत मिली है। व्यापारियों का मानना है कि इस प्रकार के उत्सवों से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि छोटे व्यवसायियों को भी बेहतर अवसर प्राप्त होते हैं।
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