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कर्नाटक के हासन में प्राचीन हसनंबा मंदिर में भक्तों की अनोखी मन्नतें, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अजीबोगरीब चिट्ठियां

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भारत में कई ऐसे प्राचीन मंदिर हैं जो अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों को भक्तों की मन्नतें पूरी करने वाला माना जाता है। कर्नाटक राज्य के हासन जिले में स्थित हसनंबा मंदिर भी ऐसा ही एक पवित्र स्थल है, जहां हर साल भक्त बड़ी श्रद्धा से आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की उम्मीद लेकर भगवान के सामने अपनी अरदास लगाते हैं।

साल में केवल एक बार खुलता है यह मंदिर

हसनंबा मंदिर साल में केवल एक बार, दीवाली के समय, लगभग एक सप्ताह के लिए खुलता है। इस वर्ष भी यह मंदिर 28 अक्टूबर से 6 नवंबर तक श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था। मंदिर की इस खास अवधि में बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं और भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। यह मंदिर अपने चमत्कारों के लिए दुनियाभर में जाना जाता है और भक्तों की मन्नतें पूरी होने के कई किस्से यहाँ जुड़ी हुई हैं।

भक्तों की अजीबोगरीब मन्नतें और चिट्ठियां

इस मंदिर की एक खास परंपरा यह भी है कि भक्त भगवान को चिट्ठियां लिखकर अपनी मन्नतें मांगते हैं। इस बार इन चिट्ठियों में कई अजीबोगरीब और दिलचस्प मन्नतें देखने को मिलीं, जिन्हें किसी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। ये चिट्ठियां तेजी से वायरल हो गई हैं और पढ़ने वाले दंग रह गए।

एक भक्त ने अपने पत्र में लिखा कि होलेनरसीपुरा निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को नया विधायक मिले और भगवान से प्रार्थना की कि वर्तमान विधायक के परिवार के हर सदस्य की चुनाव में हार हो जाए। इस पत्र को पढ़कर कई लोगों ने आश्चर्य जताया कि कैसे भक्त ने राजनीतिक मांग को भी अपनी मन्नत में शामिल किया।

मजेदार और भावुक मन्नतें

कुछ चिट्ठियां इतनी मजेदार थीं कि पढ़ने वाले अपनी हंसी नहीं रोक पाए। एक भक्त ने भगवान से अपने बड़े बेटे के लिए “खूबसूरत बीवी” की मन्नत मांगी, जबकि एक अन्य भक्त ने परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक लाने की इच्छा जाहिर की।

कुछ चिट्ठियों में तो आम जरूरतों की बातें भी थीं। एक भक्त ने मंदिर में लिखकर भगवान से अपने घर के पास की सड़क के गड्ढे ठीक कराने की मांग की। वहीं, एक भक्त ने यह वादा किया कि अगर उसकी मन्नत पूरी हुई तो वह मंदिर में 5000 रुपये चढ़ाएगा।

मंदिर का इतिहास और सांस्कृतिक महत्ता

माना जाता है कि हसनंबा मंदिर का निर्माण होयसला वंश के शासनकाल के दौरान हुआ था, हालांकि इसके इतिहास के कोई लिखित दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। होयसला शासनकाल में हासन कर्नाटक का एक प्रमुख शहर था और यह मंदिर इस क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी के रूप में जाना जाता है।

मंदिर की वास्तुकला होयसला शैली की विशिष्ट पहचान रखती है और यह धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से हासन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मंदिर न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि स्थानीय समुदाय की सांस्कृतिक विरासत का भी अभिन्न हिस्सा है।

भक्तों की आस्था और श्रद्धा

इस मंदिर में भक्तों की आस्था इतनी प्रगाढ़ है कि वे हर साल दीवाली के अवसर पर यहां पहुंचकर अपनी मन्नतें मांगने के लिए उत्सुक रहते हैं। भक्तों का मानना है कि यहां की प्रतिमा में दिव्य शक्ति वास करती है, जो उनकी इच्छाओं को पूरा करती है।

निष्कर्ष

हसनंबा मंदिर की यह अनोखी परंपरा और भक्तों द्वारा भगवान को लिखी गई अजीबोगरीब चिट्ठियां न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाती हैं, बल्कि लोगों की सरलता, उनकी भावनाओं और उम्मीदों को भी उजागर करती हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुई ये चिट्ठियां इस बात का प्रमाण हैं कि भगवान से जुड़ी हर मनोकामना, चाहे वह कितनी भी छोटी या बड़ी हो, भक्तों के लिए कितनी महत्वपूर्ण होती है। अगर आप भी इस अनोखे मंदिर की आस्था और संस्कृति का अनुभव करना चाहते हैं, तो दीवाली के समय हासनंबा मंदिर की यात्रा जरूर करें और अपनी मनोकामना की चिट्ठी भगवान के समक्ष समर्पित करें। आपकी भी मन्नत पूरी हो सकती है।

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