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'सकारात्मक क्रिकेट का मतलब लापरवाह खेल नहीं है', इंग्लैंड के 'बैजबॉल' पर भड़के दिग्गज

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क्रिकेट न्यूज डेस्क।।  पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ग्रेग चैपल ने भारत के खिलाफ ड्रॉ हुई टेस्ट सीरीज़ के दौरान इंग्लैंड की आक्रामक बल्लेबाजी रणनीति की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक क्रिकेट का मतलब लापरवाह क्रिकेट नहीं है। बता दें कि भारत ने आखिरी टेस्ट मैच में इंग्लैंड को हराकर सीरीज़ 2-2 से बराबर कर ली। पाँचवें दिन इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन चाहिए थे, जबकि भारत को चार विकेट चाहिए थे। तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए तीन विकेट लिए, जिसकी बदौलत भारत छह रन से मैच जीत सका।

चैपल ने ब्रुक पर निशाना साधा

चैपल नेमें अपने कॉलम में युवा भारतीय टीम के अच्छे प्रदर्शन की तारीफ़ की। हालाँकि, उन्होंने इंग्लैंड के खिलाड़ियों, खासकर हैरी ब्रुक की आलोचना की। उनका मानना है कि ब्रुक परिस्थितियों को समझने में नाकाम रहे। भारत के पूर्व मुख्य कोच चैपल ने कहा, 'इस सीरीज़ में इंग्लैंड का दौरा उनके लिए एक चेतावनी है। प्रतिभाशाली लेकिन अस्थिर हैरी ब्रुक ने उन्हें मज़बूती दी, जिनकी मैं पहले भी सार्वजनिक रूप से प्रशंसा कर चुका हूँ।'

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उन्होंने कहा, 'उनकी टाइमिंग बहुत अच्छी है। वह कई तरह के शॉट खेल सकते हैं। उनमें आत्मविश्वास है और बल्लेबाजी को आसान बनाने की अद्भुत क्षमता है। लेकिन क्रिकेट, खासकर टेस्ट क्रिकेट, सिर्फ़ शॉट मारने के बारे में नहीं है। यह निर्णय लेने के बारे में है। टेस्ट क्रिकेट में, यह जानना ज़रूरी है कि कब आक्रामक खेलना है और कब धैर्य रखना है।

'सकारात्मक क्रिकेट का मतलब लापरवाह क्रिकेट नहीं है'

सोमवार को लंदन में पाँचवें टेस्ट के चौथे दिन, 374 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड एक समय तीन विकेट पर 301 रन बना चुका था, लेकिन 26 वर्षीय ब्रूक के आउट होने से उनकी टीम लड़खड़ा गई और छह रनों से हार गई। 'सकारात्मकता में कोई बुराई नहीं है। लेकिन सकारात्मक क्रिकेट का मतलब लापरवाह क्रिकेट नहीं है। इसका मतलब है आत्मविश्वास से भरा, सोच-समझकर जोखिम उठाना।'

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