मुंबई, 02 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . मराठा नेता मनोज जारांगे ने गुरुवार को बीड में कहा कि जबत राज्य सरकार दिवाली से पहले किसानों को मदद नहीं मिली, तो वे किसी भी जिले में स्थानीय चुनाव नहीं होने देंगे. जारांगे ने राज्य में भारी बारिश से त्रस्त किसानों की मदद के लिए बारिश सूखा अकाल घोषित करने की मांग की है.
मराठा नेता मनोज जारांगे गुरुवार को बीड़ जिले के नारायणगांव में दशहरा सभा को संबोधित कर रहे थे. मनोज जारांगे ने कहा कि इस वर्ष भारी बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. उनके घर बह गए हैं. किसानों की हालत बहुत खराब है. इसलिए दिवाली से पहले राज्य सरकार को बारिश-अकाल घोषित किया जाना चाहिए. दिवाली से पहले किसानों को 70,000 रुपये प्रति हेक्टेयर दिए जाने चाहिए. जिनके खेत और फसलें बह गईं, उन्हें 01 लाख 30 हजार रुपये मुआवजा दिया जाना चाहिए. जिनके पशु, कृषि उत्पाद, घरेलू अनाज और गहने बह गए हैं, उन्हें किसानों की माँग के अनुसार पंचनामा करके 100 प्रतिशत मुआवज़ा दिया जाना चाहिए.
जारांगे ने कहा कि भारी बारिश से प्रभावित गन्ना किसानों के मुआवजे में 15 रुपये प्रति टन की कटौती करने का निर्णय लिया गया है. एक भी रुपये की कटौती नहीं होनी चाहिए. Maharashtra के किसानों को कर्जमाफी दी जानी चाहिए. Maharashtra में पिछले बीस सालों में आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.
जारांगे ने कहा कि कृषि को नौकरी का दर्जा दिया जाए. खेतों में काम करने वाले बच्चों को 10 हज़ार रुपये प्रति माह दिए जाए. जारांगे ने कहा कि हम गन्ना किसानों से 15 रुपये नहीं लेंगे. मंत्रियों, नेताओं, उद्योगपतियों से पैसे लो. कर्मचारियों के वेतन में कटौती करो. किसानों के लिए मांस खाने का समय आ गया है.
जारांगे ने कहा कि अगर सभी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम Maharashtra के सभी किसानों को बुलाएंगे. हम उनके साथ बैठक करेंगे और विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे. जब तक किसानों को न्याय नहीं मिल जाता, हम पीछे नहीं हटेंगे. जारांगे ने कहा कि अगर सरकार दिवाली तक किसानों की मांगें नहीं मानती, तो हम स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होने देंगे. वरना, हम गांवों में वोटिंग मशीनें नहीं लगने देंगे. हम बारिश-सूखा, कर्ज़ माफ़ी और फसल बीमा की घोषणा किए बिना चुनाव की तारीख़ घोषित नहीं होने देंगे.
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(Udaipur Kiran) यादव
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