– प्राचार्य ने बताए विद्यार्थियों को मोबाइल के दुष्प्रभाव
भोपाल, 20 अप्रैल . प्रदेश के धार जिला मुख्यालय पर स्थित महर्षि सांदीपनि (सीएम राइज) विद्यालय में रविवार को सहृदय, सीखें, सृजन करें, समाज से जुड़ें थीम पर आधारित ग्रीष्मकालीन शिविर का शुभारंभ राष्ट्रगान एवं मां सरस्वती के पूजन के साथ हुआ. इस अवसर पालकगण भी उपस्थित थे. कक्षा केजी से लेकर 10 वीं तक के लगभग 200 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रथम दिन शिविर में सहभागिता की.
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. स्मृति रत्न मिश्र ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर शिविर का विधिवत शुभारंभ किया. कक्षा 8 वीं की छात्राओं ने सरस्वती वंदना का गायन किया. इसके बाद शिक्षक राकेश मुकाती द्वारा विद्यार्थियों और शिक्षकों को मेडिटेशन करवाया गया. शिविर में प्राचार्य डॉ. मिश्र ने मोबाइल के दुष्प्रभावों के बारे में विद्यार्थियों को बताया. उन्होंने कहा कि मोबाइल से ज्ञानवर्धक बातें सीखें और रील बनाने के चक्कर में न पड़ें. यदि रील बनाना ही है तो पढ़ाई लिखाई और अच्छी गतिविधियों की बनाएं.
विद्यार्थियों ने सीखी ये गतिविधियांशिविर के प्रथम दिन रविवार को विद्यालय का माहौल रोज से अलग होकर उत्साहपूर्ण था. परंपरागत कक्षा शिक्षण से अलग हटकर रोचक गतिविधियां करते हुए लगभग 200 से अधिक विद्यार्थियों ने विभिन्न रोजगारपरक गतिविधियां करते हुए इन विधाओं का प्रशिक्षण प्राप्त किया. यह प्रशिक्षण उन्हें खेल-खेल में और रोचक तरीके से दिया गया दिया गया. विद्यार्थियों को समूह में बांटकर उन्हें अखबार के रद्दी कागज से थैलियां बनाना सिखाया गया. इसके बाद विद्यार्थियों ने स्वयं अनेको थैलियां बनाई. कुछ विद्यार्थियों के समूह ने आर्ट एवं क्राफ्ट की बारीकियां सीखी तो कुछ ने पेंटिंग की. छात्राओं के एक समूह ने मेहंदी की डिजाइन बनाना और मेंहदी के कोन बनाना सीखा. इसके अलावा स्थानीय खेलकूद में भी अनेक विद्यार्थियों ने भाग लिया.
प्रदर्शनी में बेचेंगे विद्यार्थी अपनी बनाई सामग्री
दस दिवसीय शिविर के दौरान विद्यार्थियों के द्वारा प्रतिदिन जो विभिन्न प्रकार की सामग्री बनाई जायेगी उन सभी को अंतिम दिन प्रदर्शनी लगाकर विक्रय किया जायेगा. इससे विद्यार्थी के अंदर एक स्वावलंबन की भावना पैदा होगी और भविष्य में वे शिविर में सीखी गई विधाओं को विस्तृत रूप देकर उसे अपना रोजगार भी बना सकेंगे.
/ उम्मेद सिंह रावत