जयपुर, 21 अप्रैल . जयपुर मेट्रो-प्रथम की डीजे कोर्ट ने जेल प्रहरी भर्ती-2018 के पेपर लीक मामले के आरोपी करन कुमार को जमानत देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. डीजे नंदिनी व्यास ने फैसले में कहा कि मौजूदा मामले में आरोपी को लंबे समय से अनुसंधान के लिए बुलाया जा रहा था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ. वहीं उसकी तलाश के लिए कई जगहों पर दबिश दी गई. इसके चलते केस के अनुसंधान में भी देरी हुई है.
मामला सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम व अन्य गंभीर अपराधों से जुडा है और ऐसे मामले के आरोपी को जमानत देने से समाज व परीक्षार्थियों का भी मनोबल कम होता है. इसलिए आरोपी को जमानत नहीं दे सकते. आरोपी की ओर से कहा कि उसे केस में झूठा फंसाया है और वह 7 अप्रैल से अभिरक्षा में है. इसलिए उसे जमानत दी जाए. इसके विरोध करते हुए लोक अभियोजक लियाकत अली ने बताया कि आरोपी ही जेल प्रहरी भर्ती पेपर लीक का मास्टर माइंड है. उसने ही 60 लाख रुपए में पेपर खरीदा था और बाद में 1.50 लाख रुपए के हिसाब से कई अन्य लोगों को बेचा था. इसके अलावा अन्य सह आरोपियों को उसने ही पेपर लीक करने के लिए संसाधन मुहैया कराए थे. आरोपी लंबे समय से फरार चल रहा है और उनसे अनुसंधान में सहयोग नहीं किया है. इसलिए उसे जमानत नहीं दी जाए. कोर्ट ने राज्य सरकार की दलीलों से सहमत होकर आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी.
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