गुमला, 23 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की लचर व्यवस्था और एंबुलेंस सेवा की नाकामी ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार किया है. जारी थाना क्षेत्र के रोशनपुर निवासी अलबन तिर्की (55) की तडपकर मौत समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने से हो गई.
जानकारी के अनुसार अलबन को एक विक्षिप्त व्यक्ति प्रदीप खलखो ने कुदाल से सिर पर वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. पुलिस ने तत्परता से घायल को चैनपुर सीएचसी पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने गुमला रेफर किया. लेकिन एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी.
सूत्रों के अनुसार, 108 हेल्पलाइन पर कई बार कॉल करने के बावजूद कोई वाहन नहीं मिला. अंततः घाघरा से एंबुलेंस मंगाई गई. जिसे आने में ढाई घंटे से अधिक समय लगा. तब तक अलबन तिर्की ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया.
ग्रामीणों के अनुसार उस वक्त एसईएमओ (सब डिविजनल एक्सटेंशन मेडिकल ऑफिसर) डॉ धनुराज चैनपुर सीएचसी में मौजूद थे. वे अस्पताल में पहले से चल रहे अवैध वसूली प्रकरण की जांच करने पहुंचे थे.
ग्रामीणों ने एंबुलेंस नहीं मिलने की जानकारी एसीएमओ डॉ धनुराज को दी.
मौके पर परिजनों ने आरोप लगाया कि मौके पर डॉ धनुराज ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. स्थानीय लोगों का गुस्सा इस बात पर फूटा कि जब अस्पताल परिसर में सरकारी वाहन खड़ा था तो मरीज को उससे क्यों नहीं भेजा गया. ग्रामीणों का आरोप है कि डॉ धनुराजने कोई ठोस पहल नहीं की.
मौके के रौशनपुर के ग्रामीणों ने मांग की है कि मामले में अब जांच नहीं, बल्कि जवाब चाहिए. हर बार जांच के नाम पर लीपापोती होती है, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं होती. ग्रामीणों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर डॉ धनुराज सहित अन्य संबंधित कर्मियों की भी जवाबदेही तय करने की मांग की है.
हटाया गया एंबुलेंस चालक, एफआईआर दर्ज :उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में की गई अनियमितताओं पर कार्रवाई करते हुए 108 एंबुलेंस चालक को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया. इसके साथ ही दोषी चालक के खिलाफ चैनपुर थाना में एक प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई. इसके अलावे उपायुक्त ने प्रसव वार्ड में कार्यरत संबंधित नर्स को कारण बताओ नोटिस जारी कर निलंबन की प्रक्रिया शुरू दी है. उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में जवाबदेही सुनिश्चित करें. जानकारी के अनुसार चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव कराने आई महिलाओं से 108 एंबुलेंस कर्मी अवैध रूप से पैसे ले रहे थे और प्रसव के बाद स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से मिठाई के नाम पर धन उगाही की जा रही थी.
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
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