जम्मू, 21 अप्रैल . वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की वरूथिनी एकादशी का व्रत वर्ष 2025 में 24 अप्रैल, गुरुवार को रखा जाएगा. श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री (ज्योतिषाचार्य) ने बताया कि एक वर्ष में कुल 24 एकादशियां होती हैं, किंतु जब तीन वर्ष में एक बार अधिकमास (मलमास) आता है, तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है.
वरूथिनी एकादशी की तिथि 23 अप्रैल, बुधवार को सायं 4:44 बजे प्रारंभ होकर 24 अप्रैल, गुरुवार को दोपहर 2:33 बजे समाप्त होगी. चूंकि सूर्योदय काल में एकादशी तिथि विद्यमान रहेगी, अतः व्रत 24 अप्रैल, गुरुवार को ही रखा जाएगा. व्रत का पारण 25 अप्रैल, शुक्रवार को प्रातः 5:42 से 8:16 बजे तक किया जाएगा. इस दिन श्री वल्लभाचार्य जी का जन्मोत्सव भी हर्षोल्लास से मनाया जाएगा.
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, वैशाख कृष्ण पक्ष की वरूथिनी एकादशी पर विधिपूर्वक व्रत व पूजन करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. जिनके जीवन में मृततुल्य कष्ट बना हुआ है, उनके दुख दूर होते हैं. भगवान विष्णु भक्तों की हर संकट से रक्षा करते हैं और व्रती को अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है. यह व्रत करने से समस्त पापों का नाश होता है. एकादशी व्रत करने वाले व्रती को अपने चित्त, इंद्रियों और व्यवहार पर संयम रखना आवश्यक होता है. यह व्रत जीवन में संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है. व्रती अर्थ और काम से ऊपर उठकर धर्म के मार्ग पर चलकर मोक्ष की प्राप्ति की ओर अग्रसर होता है. यह व्रत पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा किया जा सकता है.
/ राहुल शर्मा
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