गुवाहाटी, 25 अप्रैल . असम के राज्यपाल एवं गौहाटी विश्वविद्यालय (गौविवि) के कुलाधिपति लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के साथ विश्वविद्यालय के 32वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया. इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए.
राज्यपाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि गौहाटी विश्वविद्यालय को भारत को वैश्विक शिक्षा, नवाचार और मूल्यों का केंद्र बनाने की दिशा में सक्रिय भागीदार बनना चाहिए. उन्होंने कहा, “हमें मिलकर भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने की दिशा में प्रयास करना है और गौहाटी विश्वविद्यालय को इसमें अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए.” उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ गहरे शैक्षणिक सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया और इनोवेशन क्लब्स और इनक्यूबेटर नेटवर्क के माध्यम से आईआईटी और एनआईटी जैसे संस्थानों के साथ सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया.
राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को शैक्षणिक परिदृश्य में बदलाव लाने वाला बताया और विश्वविद्यालय से इसके लक्ष्यों को साकार करने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाने की अपील की. उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय को पूर्वोत्तर भारत में एनईपी 2020 को लागू करने वाला पहला विश्वविद्यालय होने पर बधाई दी और ई-समर्थ जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म अपनाने को तकनीकी दक्षता का प्रतीक बताया.
आचार्य ने असम की विद्या और संत परंपरा को याद करते हुए महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव, श्रीश्री माधवदेव, भारत रत्न गोपीनाथ बरदलै और डॉ. भूपेन हजारिका का स्मरण किया. उन्होंने गौहाटी विश्वविद्यालय के सुंदर और बौद्धिक वातावरण वाले परिसर को अध्ययन और नवाचार के लिए आदर्श बताया.
दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने छात्रों से कहा, “हमारे छात्र विज्ञान, मानविकी, कला और तकनीक जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर हमें गौरवान्वित कर रहे हैं. उनकी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां, पेटेंट और अनुसंधान विश्वविद्यालय की गुणवत्ता का परिचायक हैं.”
उन्होंने शिक्षा को आजीवन यात्रा बताया और छात्रों से जिज्ञासा, करुणा और नवाचार की भावना को बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा, “डिग्रियां आपके सीखने की यात्रा का अंत नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए पहला कदम हैं.”
महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव का उद्धरण देते हुए राज्यपाल ने कहा कि बुद्धिमानों की संगति ही सच्चा ज्ञान देती है. उन्होंने छात्रों से ज्ञान के साथ-साथ चरित्र निर्माण पर भी जोर देने को कहा ताकि वे तकनीक के साथ मानवीय मूल्यों को भी आत्मसात करें.
इस अवसर पर उत्तर-पूर्व भारत में कैंसर उपचार के क्षेत्र में कार्यरत डॉ. अमल चंद्र कटकी को ऑनरेरी डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि दी गई. अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चोना मीन और प्रसिद्ध ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. तपन कुमार सैकिया को ऑनरेरी डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया. समारोह में कुल 3,744 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें 148 को पीएचडी, 1,055 को स्नातकोत्तर और 2,538 को स्नातक डिग्रियां दी गईं.
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने समारोह में दीक्षांत भाषण दिया. शिक्षा मंत्री डॉ. रनोज पेगू, टेरी की महानिदेशक डॉ. विभा धवन और गौहाटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ननी गोपाल महंत ने भी समारोह को संबोधित किया.
/ श्रीप्रकाश
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