अधिवक्ता ने अपनी मां की मौत के लिए दोनों संस्थाओं को ठहराया जिम्मेदार
रामगढ़, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) ।
रामगढ़ शहर के एक प्रतिष्ठित अधिवक्ता विधान चंद्र सिंह ने अपनी मां की मौत के लिए झारखंड के दो बड़े संस्थानों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी और रांची से पारस अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ रामगढ़ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने उन चिकित्सको का नाम भी उस प्राथमिकी में शामिल किया है, जिन्होंने उनकी मां का इलाज करने में घोर लापरवाही बरती। उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के कर्मियों और पारस अस्पताल प्रबंधन तथा चिकित्सकों पर धोखाधड़ी करने, फर्जीवाड़ा करने और कल्पेबल होमीसाइड नॉट अमाउंटिंग टू मर्डर जैसा गंभीर आरोप लगाया है। रामगढ़ पुलिस ने इस मामले में कांड संख्या 238/25 दर्ज किया है।
कैशलेस इलाज के लिए चार लाख का कराया गया था इंश्योरेंस, नहीं मिली रकम
अधिवक्ता विधान चंद्र सिंह ने दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि उन्होंने अपनी मां अनीता देवी के इलाज के लिए स्टार हेल्थ इंश्योरेंस से सीनियर सिटीजन रेड कारपेट हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी थी। 4 लाख का कैशलेस चेकअप और ट्रीटमेंट कवर करने का दावा करने वाली इस पॉलिसी को उन्हें झंडा चौक के रहने वाले एजेंट संदीप कुमार और मैनेजर अभिषेक कुमार के द्वारा बेची गई थी।इस इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम 21583 रुपए उन्होंने समय पर जमा किए। मार्च 2025 में जब उनकी मां अनीता देवी की तबीयत खराब हुई तो उन्हें होप हॉस्पिटल, रांची रोड में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची भेजा। इसके बाद अनीता देवी को रांची के पारस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। 1 मार्च को जब उनकी मां का वहां इलाज शुरू कराना था, तो इंश्योरेंस कंपनी वालों ने उन्हें प्रक्रिया का झांसा दिया और तब तक खुद के रकम से इलाज शुरू करवाने को कहा। साथ ही यह भी कहा कि जल्द ही उनके द्वारा खर्च की गई रकम उन्हें वापस कर दी जाएगी। पांच दिनों तक वहां इलाज चला लेकिन इंश्योरेंस कंपनी वालों ने ₹1 भी वहां जमा नहीं कराए। उनकी मां की तबीयत ठीक नहीं रही तो उन्होंने वहां से डिस्चार्ज कर कर अनीता देवी को रिम्स में भर्ती कराया। इस दौरान 6,64,295 रुपये खर्च हुए। कुछ अन्य रकम दवाइयां और चिकित्सीय सामग्री में खर्च हुए। 7 लाख के खर्चे में से 4 लाख स्टार हेल्थ इंश्योरेंस को अस्पताल प्रबंधन को देना चाहिए था। लेकिन ना तो अस्पताल प्रबंधन को राशि दी गई ना ही वह रकम अनीता देवी के परिजनों को वापस की गई।
पारस अस्पताल में चिकित्सकों ने कर दिया था अनीता देवी का गलत इलाज
विधान चंद्र सिंह ने प्राथमिकी में कहा है कि पारस अस्पताल में 1 मार्च से 5 मार्च तक उनकी मां का इलाज चला। लेकिन चिकित्सक डॉक्टर संजीव कुमार शर्मा और डॉक्टर अशोक कुमार वैद्य की ओर से उनका सही इलाज नहीं किया गया था। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण उनकी मां की तबीयत बिगड़ती चली गई। जब 6 मार्च को उन्होंने अपनी मां को रिम्स में भर्ती कराया तो उन्हें इस बात का आभास हो गया कि उनकी मां का पारस अस्पताल में गलत इलाज होने के कारण स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। 13 मार्च को रिम्स में ही अनीता देवी ने दम तोड़ दिया। इस हादसे के बाद अनीता देवी के परिजनों पर आर्थिक बोझ पड़ा और वह अब काफी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। इस मामले में स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर, रीजनल मैनेजर, मैनेजर और एजेंट के साथ-साथ पारस अस्पताल के प्रबंधक और डॉक्टर संजीव कुमार शर्मा, डॉ अशोक कुमार वैद्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है।
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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश
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