गोरखपुर, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) l दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग की अभिनव रचना “बायो-इनोवेटिव रंगोली” को भारत सरकार के कॉपीराइट कार्यालय, नई दिल्ली द्वारा कॉपीराइट अधिनियम 1957 के अंतर्गत पंजीकृत किया गया है। यह उपलब्धि विभाग के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की सृजनात्मकता और नवाचार का उत्कृष्ट उदाहरण है।
यह सफलता 30 जनवरी 2025 को विभाग द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश के सहयोग से आयोजित इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (IPR) जागरूकता कार्यशाला से प्राप्त मार्गदर्शन और प्रेरणा का प्रत्यक्ष परिणाम है। इस अवसर पर कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने विभाग को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि विश्वविद्यालय परिसर में नवाचार और बौद्धिक सम्पदा संरक्षण की संस्कृति को और सशक्त बनाएगी।
विभागाध्यक्ष प्रो. दिनेश यादव (अध्यक्ष एवं संयोजक, निदेशक अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ) ने सभी संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों एवं कार्यशाला के वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। कहा कि यह उपलब्धि विश्वविद्यालय की शोध एवं नवाचार उन्मुख गतिविधियों को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान प्रदान करती है।
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
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