New Delhi, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को पूर्व Chief Minister अरविंद केजरीवाल समेत तीन आरोपितों के खिलाफ साल 2019 में सरकारी संपत्ति विरूपित करने के एक मामले की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया है. एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने जांच से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट 3 दिसंबर तक दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी.
सुनवाई के दौरान बुधवार काे इस मामले के जांच अधिकारी ने जांच के लिए और समय देने की मांग की. जांच अधिकारी ने कहा कि इस मामले में पूर्व विधायक गुलाब सिंह और निकिता शर्मा से पूछताछ हो चुकी है. जांच अधिकारी ने कहा कि उन्हें केजरीवाल से पूछताछ के लिए समय चाहिए क्योंकि वो दिल्ली में नहीं हैं. उसके बाद कोर्ट ने जांच अधिकारी को जांच तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया.
इस मामले के जांच अधिकारी ने 27 अगस्त को बताया था कि उसे फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट प्राप्त हो गयी है और उसने जांच में शामिल होने के लिए आरोपित अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी किया है. दिल्ली पुलिस ने अरविंद केजरीवाल समेत तीन आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है.
11 मार्च को कोर्ट ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने शिकायतकर्ता शिव कुमार सक्सेना की अर्जी पर यह आदेश दिया था. अरविंद केजरीवाल के अलावा जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था उनमें पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका की तत्कालीन पार्षद निकिता शर्मा शामिल हैं.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता शिव कुमार सक्सेना ने कोर्ट के समक्ष उन बड़े-बड़े बैनरों को दिखाया जिसमें केजरीवाल, गुलाब सिंह और निकिता शर्मा के नाम लिखे हुए थे. कोर्ट ने कहा कि बड़े-बड़े बैनर लगाना न केवल सार्वजनिक संपत्ति को विरूपित करने का मामला है बल्कि ये ट्रैफिक के लिए भी समस्या है. ये सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालकों का ध्यान भटकाता है जिससे पैदल यात्रियों से लेकर वाहनों को सुरक्षा का खतरा बना रहता है.
कोर्ट ने कहा कि देश में अवैध होर्डिंग के गिरने से लोगों की मौत की कहानी नई नहीं है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को केजरीवाल समेत तीनों आरोपितों के खिलाफ दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि ऐसा आदेश करना सही नहीं होगा कि इस मामले में शिकायतकर्ता साक्ष्य पेश करे. जांच एजेंसी अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकती है.
कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल एक्शन टेकन रिपोर्ट पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई है. दिल्ली पुलिस ने अपने एक्शन टेकन रिपोर्ट में कहा था कि जांच के समय कोई होर्डिंग मौके पर नहीं पाया गया. इसके बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से होर्डिंग छापने और लगाने वालों का पता लगाने को कहा ताकि हकीकत का पता चल सके.
दरअसल, याचिकाकर्ता ने साल 2019 में दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के द्वारका में कई स्थानों पर बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए जाने की शिकायत की थी.
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
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