सुलतानपुर, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) . Uttar Pradesh के जिला सुलतानपुर में विपक्ष के नेता राहुल गाँधी के मित्र राम चेत का बीमारी के बाद निधन हो गया. एक साल पहले राहुल गाँधी ने अपने दौरे पर उनकी दुकान पर रुके थे. वहीं से उनकी मदद करनी शुरू की थी.
राहुल गाँधी ने मंगलवार सुबह परिजनों से मोबाइल पर बात कर शोक संवेदना व्यक्त की, साथ ही अमेठी और सुलतानपुर से कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल भेज कर हर मदद का आश्वासन भी दिया.
जिले के कूरेभार थानाक्षेत्र के ढेसरुआ गांव के रहने वाले मोची रामचेत विधायक नगर चौराहे पर अपने जूते चप्पल की गुमटी रख कर गरीबी में अपना जीवन यापन कर रहे थे. एक साल पहले राहुल गांधी न्यायालय में विचाराधीन एक मामले में सुलतानपुर आए हुए थे. वहां से लौटते समय अचानक उनका काफिला मोची रामचेत की दुकान पर रुक गया. मोची रामचेत का हालचाल लिया. उनके दुकान के बारे में बातचीत की, साथ ही उनसे जूते चप्पल सिलाई का गुण भी सीखा था. वहां से लौटकर राहुल गांधी ने रामचेत मोची के लिए जूता चप्पल सिलाई की अत्याधुनिक मशीन के साथ- साथ उन्हें बिजनेस बढ़ाने के लिए काफी मात्रा में रॉ मैटेरियल भी भिजवाया था. इसके बाद राहुल ने अपनी मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात के लिए रामचेत को दिल्ली बुलाया और दिल्ली की सैर भी कराई . मुलाकात के दौरान रामचेत ने अपने हाथों से बने जूते चप्पल भी राहुल, सोनिया और प्रियंका को भेंट किया. राहुल गांधी की मदद के बाद मोची रामचेत का बिजनेस चल निकला. लेकिन पिछले कुछ दिनों ने रामचेत की तबीयत बिगड़ गई. जांच हुई तो पता चला कि उसे कैंसर और टीबी हो गई है. परिवार वालों ने राहुल गांधी तक बात पहुंचाई तो एक बार फिर राहुल ने मदद को हाथ बढ़ाया और Prayagraj के कैंसर हॉस्पिटल से उसका इलाज करवाना शुरू किया. लेकिन आज सुबह रामचेत ने दम तोड़ दिया. इस बात की जानकारी राहुल गांधी को लगी तो उन्होंने तत्काल रामचेत के बेटे राघवराम से बात की और शोक जताया. साथ ही हर मदद का भरोसा दिलाया.
गांधी के निर्देश पर अमेठी केंद्रीय कांग्रेस कार्यालय प्रभारी बृजेश तिवारी, सुलतानपुर कांग्रेस जिलाध्यक्ष्य अभिषेक सिंह राणा समेत दर्जनों कार्यकर्त्ता रामचेत के घर पहुँचकर शोक संवेदना व्यक्त की. राहुल गांधी की तरफ से भेजी गई आर्थिक मदद भी सौंपी. इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं ने दुःख की इस घड़ी के साथ हमेशा साथ रहने का भरोसा भी दिया .
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(Udaipur Kiran) / दयाशंकर गुप्त
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