जयपुर, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने पंचायती राज संस्थाओं व शहरी निकायों के विभिन्न मुद्दों से जुडी करीब 434 याचिकाओं पर लगातार चार दिन तक सुनवाई कर मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।
न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा व न्यायाधीश संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने जोधपुर व जयपुर पीठ में दायर करीब 434 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। इन याचिकाओं में पंचायत व शहरी निकाय चुनाव टालकर प्रशासक लगाने, परिसीमन में गाइडलाइन की अवहेलना व वार्ड खत्म होने के कारण आधार पर प्रधान हटाने को चुनौती दी गई। प्रशासक लगाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं में कहा कि संविधान में पांच साल के भीतर चुनाव कराने का प्रावधान है, लेकिन सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं व शहरी निकायों का कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रशासक नियुक्त कर चुनाव दिए। परिसीमन के मामलों में राज्य सरकार की गाइडलाइन की अवहेलना की जा रही है। कुछ याचिकाएं ऐसी भी हैं, जिनमें वार्ड समाप्त होने के आधार पर प्रधान हटाने को चुनौती दी गई है। इन याचिकाओं का महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने याचिकाओं का विरोध किया। उन्होंने कहा कि परिसीमन से संबंधित मामलों में कोर्ट दखल नहीं कर सकता और परिपत्र या गाइडलाइन से किसी का हक सृजित नहीं हो जाता। इसके अलावा गाइडलाइन में शिथिलता भी दी जा सकती है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने सभी याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
—————
(Udaipur Kiran)
You may also like
सावधान! बीयर के साथ ये चीजें भूलकर भीˈ ना खाएं वरना शरीर को झेलनी पड़ सकती हैं कई दिक्कतें
सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश स्वागतयोग्य : राजा इकबाल सिंह
ऐश्वर्या पिस्से : मोटरस्पोर्ट में देश का नाम रोशन करने वाली महिला रेसर, जिन्होंने समाज की सोच को बदला
अगर खाना खाने के बाद भी शरीर कमजोरˈ लग रहा है तो सावधान! आपके पेट में पल रहे है खतरनाक कीड़े
Monsoon Alert: 13-18 अगस्त तक तूफान और बारिश, IMD ने दी ये सावधानी बरतने की सलाह