रांची, 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि आदिम जनजाति समुदाय राज्य की सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं और राज्य सरकार आदिम जनजातियों के उत्थान और विकास के लिए संवेदनशील है.
उन्होंने कहा कि सरकार उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और आजीविका को सुदृढ़ करने के लिए विशेष योजनाओं पर कार्य कर रही है. आदिम जनजाति क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार और स्थायी आजीविका के अवसर सृजित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है. लिंडा Saturday को प्रोजेक्ट भवन में आयोजित विभागीय समीक्षात्माक बैठक में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण के प्रति पूरी तरह समर्पित है. योजनाओं की नियमित समीक्षा से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होती है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक योजना का लाभ समयबद्ध रूप से पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे और किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो.
छात्रवृत्ति सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल
मौके पर कल्याण मंत्री ने विभाग की विभिन्न योजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति की विस्तृत समीक्षा की. उन्होंने बैठक में विशेष रूप से प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं के लंबित भुगतानों की समीक्षा करने का निर्देश दिया. मंत्री ने कहा कि छात्रवृत्ति सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है और इसके लिए केंद्र सरकार से लंबित राशि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर पहल की जा रही है.
बैठक में उन्होंने वन अधिकार अधिनियम, धरती आवास ग्राम उत्कर्ष योजना, संविधान अनुच्छेद 275 के अंतर्गत स्वीकृत योजनाएं, Chief Minister रोजगार सृजन योजना, सरना-मसना स्थल संरक्षण कार्य, छात्रावास और आवासीय विद्यालयों की स्थिति, वाद्य यंत्र वितरण योजना जैसे प्रमुख विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई.
लिंडा ने निर्देश दिया कि सभी योजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति रिपोर्ट प्रत्येक माह विभाग को प्रस्तुत की जाए. ताकि निगरानी और मूल्यांकन की प्रक्रिया मजबूत हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचे और हर योजना का परिणाम धरातल पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे.
बैठक में कल्याण सचिव कृपा नन्द झा, कल्याण आयुक्त कुलदीप चौधरी सहित जिलों के कल्याण पदाधिकारी और विभागीय अधिकारी मौजूद थे.
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
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