वाशिंगटन, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . ट्रंप प्रशासन ने अलास्का के आर्कटिक राष्ट्रीय वन्यजीव अभयारण्य में उत्खनन का रास्ता साफ कर दिया. प्रशासन को यहां मौजूद तेल और गैस के भंडार से बड़ा राजस्व मिलने की उम्मीद है. प्रशासन ने गुरुवार को अपनी योजना को सार्वजनिक किया. आर्कटिक राष्ट्रीय वन्यजीव अभयारण्य संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे बड़े बचे हुए प्राचीन वन्य क्षेत्रों में से एक है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह अभयारण्य लगभग 15.6 लाख एकड़ में फैला हुआ है. माना जाता है कि यहां अरबों बैरल तेल का भंडार है. यह अभयारण्य ध्रुवीय भालू, कारिबू, प्रवासी पक्षियों और अन्य वन्यजीवों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास भी है. अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी President ट्रंप ने इस अभयारण्य के संदर्भ में कर विधेयक पर हस्ताक्षर किए थे. इसके बाद पट्टे दिए गए. बाद में बाइडेन प्रशासन ने उन पट्टों को रद्द कर दिया.
आंतरिक विभाग के सचिव डग बर्गम ने गुरुवार को मुख्यालय में आयोजित अलास्का दिवस के कार्यक्रम में प्रशासन के फैसले की जानकारी दी. उन्होने कहा कि इस सर्दी में तटीय मैदान में तेल और गैस पट्टों की बिक्री की जाएगी. अभयारण्य में बाइडेन के कार्यकाल के समय 2021 में रद्द किए गए सात तेल पट्टों को बहाल किया जाएगा. बर्गम ने यह भी घोषणा की कि आंतरिक विभाग ने एक समझौते को अंतिम रूप दे दिया है. इससे दक्षिण-पश्चिमी अलास्का में इजेम्बेक राष्ट्रीय वन्यजीव अभयारण्य से होकर एक सड़क का निर्माण संभव होगा. उन्होंने दोहराया कि एजेंसी एक औद्योगिक सड़क को हरी झंडी देगी जो उत्तरी अलास्का में प्रस्तावित तांबे और जस्ता खदान तक पहुंचने के लिए प्राचीन जंगलों को पार करेगी.
सनद रहे President ट्रंप ने अमेरिकी तेल और गैस उत्पादन का विस्तार करने का बार-बार वादा किया है. प्रशासन की ताजा योजना को इसी वादे का हिस्सा माना जा रहा है. प्रमुख तेल कंपनियों ने पहले इस अभयारण्य में ड्रिलिंग में बहुत कम रुचि दिखाई है. अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि वे आगामी नीलामी में बोली लगाएंगी या नहीं. कुछ प्रमुख बैंकों ने भी यहां खनन के लिए धन मुहैया नहीं कराने का इरादा जताया है. पर्यावरण समूहों ने योजना के खिलाफ मुकदमा दायर करने का फैसला किया है. अलास्का के रिपब्लिकन सीनेटर डैन सुलिवन ने गृह विभाग के एक कार्यक्रम में कहा, बाइडेन प्रशासन ने पक्षियों की जिंदगी को लोगों की जिंदगी से ज्यादा अहमियत दी है. यह आज खत्म हो रहा है.
अलास्का वाइल्डरनेस लीग की कार्यकारी निदेशक क्रिस्टन मिलर ने एक ई-मेल में लिखा, हम आर्कटिक शरणस्थल के नाज़ुक तटीय मैदान के औद्योगीकरण के किसी भी प्रयास का विरोध करेंगे और हर विकल्प मौजूद है. इस सुदूर जगह खनन किया जाए या नहीं, इस सवाल ने लगभग आधी सदी से भीषण राजनीतिक और कानूनी लड़ाइयों को हवा दी है.
1980 में तत्कालीन President जिमी कार्टर ने अलास्का राष्ट्रीय हित भूमि संरक्षण अधिनियम पर हस्ताक्षर किए थे. इसके बाद अधिकांश हिस्से को निर्जन क्षेत्र घोषित कर दिया और वहां ड्रिलिंग पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगा दिया. लेकिन कांग्रेस के रिपब्लिकन सदस्यों ने इस प्रतिबंध को समाप्त करने के लिए संघर्ष किया और उन्हें 2017 में एक रास्ता दिखाई दिया, जब उन्होंने एक कर विधेयक पारित किया, जिसके तहत 2024 के अंत तक तटीय मैदान में दो पट्टों की बिक्री अनिवार्य कर दी गई. दोनों नीलामी को व्यापक रूप से असफल माना गया. पहली नीलामी में बड़ी तेल कंपनियों की ओर से कोई बोली नहीं लगी और नौ में से सात लीज अलास्का औद्योगिक विकास और निर्यात प्राधिकरण ने हासिल कर ली. दूसरी नीलामी में एक भी बोलीदाता सामने नहीं आया आया.
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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