उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से सांसद और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली इंदौर की पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने सोशल मीडिया पर आत्महत्या करने की धमकी दी है।
वर्तमान में स्विट्जरलैंड में रह रहीं रोहिणी ने दिल्ली पुलिस पर कार्रवाई न करने और सिस्टम पर ताकतवर लोगों का साथ देने का आरोप लगाया है।
इंदौर के एक सफाईकर्मी की बेटी डॉ. रोहिणी घावरी एक प्रतिष्ठित पीएचडी स्कॉलर हैं जो स्विट्जरलैंड में नौकरी करने के साथ एक एनजीओ भी चलाती हैं। रोहिणी ने तीन महीने पहले सोशल मीडिया पर खुलासा किया था कि वह और सांसद चंद्रशेखर आजाद तीन साल तक रिलेशनशिप में थे। उन्होंने चंद्रशेखर पर यौन उत्पीड़न और धोखा देने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले में उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत भी दर्ज कराई थी।
सोशल मीडिया पर दी आत्महत्या की धमकीबुधवार को डॉ. रोहिणी ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर कई पोस्ट किए, जिनमें उन्होंने आत्महत्या करने की बात कही। एक पोस्ट में उन्होंने चंद्रशेखर, उनकी पत्नी और बच्चे की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “मेरा जीवन बर्बाद कर के खुशियां मना रहा है। आज ही तेरे नाम पर जहर खाऊंगी।” इसके साथ ही उन्होंने कुछ निजी वीडियो साझा करते हुए आरोप लगाया कि चंद्रशेखर ने उन्हें रिश्ते में जबरदस्ती बांधकर रखा था।
प्रधानमंत्री को टैग कर लगाई थी न्याय की गुहारदो दिन पहले रोहिणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए एक पोस्ट में लिखा था कि न्याय न मिलने पर वह यूनाइटेड नेशन के मंच से अपना जीवन समाप्त कर लेंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि गंदी राजनीति के कारण दिल्ली पुलिस उनकी FIR तक दर्ज नहीं कर रही है और पूरा सिस्टम केवल ताकतवर लोगों की सुनता है।
पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोपयह फोटो पहले क्यों नहीं डाले हरामज़ादे मेरा जीवन बर्बाद कर के खुशियाँ मना रहा है आज ही तेरे नाम पर ज़हर खाऊँगी तूने मुझे ख़त्म कर दिया !!@PMOIndia @narendramodi मेरी लाश भी भारत वापस मत लाना किसी ने नहीं सुनी मेरी सब अपराधी का साथ देते रहे !!
— Dr. Rohini Ghavari ( रोहिणी ) (@DrRohinighavari) September 24, 2025
तुम सब को मेरा अंतिम अलविदा !! pic.twitter.com/hOZVXboDZ1
डॉ. रोहिणी ने एक बयान में कहा, “मैंने दिल्ली के कमिश्नर से कई बार मुलाकात की और सभी सबूत दिए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जब भी मैं कमिश्नर से बात करती हूं तो वे कहते हैं कि ऊपर से कार्रवाई का कोई ऑर्डर नहीं है। मेरे पास जान देने के अलावा और क्या चारा बचता है? हमारे देश में पीड़िता को न्याय के लिए मरना पड़ता है।”
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