उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को एक नई पहचान मिली है। गुरुवार को देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलेश डंगवाल द्वारा रचित ‘श्री गणेश मंगलाचरण’ गीत का मुख्यमंत्री आवास में भव्य विमोचन किया। यह गीत न केवल उत्तराखंड की सनातन संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि वैश्विक मंच पर राज्य की पहचान को और सशक्त करने का एक अनूठा प्रयास भी है। आइए, इस खास मौके और इसके महत्व को करीब से समझें।
सनातन संस्कृति का सम्मान‘श्री गणेश मंगलाचरण’ का विमोचन उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का एक प्रेरणादायक कदम है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा कि यह मंगल गीत उत्तराखंड की सनातन परंपराओं को जीवंत करता है। उन्होंने इसे एक ऐसा प्रयास बताया, जो न केवल राज्य की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करता है, बल्कि इसे विश्व स्तर पर सम्मान दिलाने का माध्यम भी बनता है। यह गीत हर उस व्यक्ति के लिए गर्व का विषय है, जो अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ है।
वैदिक परंपरा से प्रेरित रचना‘श्री गणेश मंगलाचरण’ के रचयिता मंगलेश डंगवाल ने बताया कि यह गीत वैदिक परंपराओं पर आधारित है। यह रचना उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जन कल्याण और आध्यात्मिकता को समर्पित है। गीत में उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य, सनातन मूल्यों और सामाजिक एकता का सुंदर समावेश किया गया है। यह न केवल एक संगीतमय रचना है, बल्कि एक ऐसा दस्तावेज है, जो उत्तराखंड की आत्मा को दर्शाता है।
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