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आईआईटी कानपुर से साइबर कमांडो को मिला प्रशिक्षण, उत्तराखंड तीसरे स्थान पर

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-अपर उप निरीक्षक विनोद व आरक्षी सुधीष बने उत्तराखण्ड के पहले साइबर कमांडोदेहरादून, 5 अप्रैल (हि.स.)। गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा साइबर सुरक्षा क्षमताओं को सशक्त करने और बढ़ते साइबर खतरों से निपटने के लिए साइबर कमांडो की विशेष शाखा स्थापित की जा रही है। इस पहल के तहत देशभर में चयनित पुलिसकर्मियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

स्पेशल टॉस्क फोर्स के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह बताया कि इसी क्रम में साइबर कमाण्डो हेतु चयनित सबसे अधिक कुल 72 कर्मियों की संख्या में उत्तराखण्ड राज्य सम्पूर्ण भारत वर्ष में तृतीय स्थान पर रहा। राज्य से चयनित टॉप-3 पुलिस कर्मियों का ऑल इण्डिया रैंक में दूसरा, छठा व दसवां स्थान रहा था।

उन्हाेंने बताया कि साइबर कमांडो कोर्स के प्रथम चरण में अपर उप निरीक्षक विनोद बिष्ट और आरक्षी सुधीष खत्री ने 07 अक्टूबर 2024 से 04 अप्रैल 2025 तक साइबर कमांडो प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण में साइबर सुरक्षा, डिजिटल फोरेंसिक, थ्रेट इंटेलिजेंट, क्रिप्टो करेंसी, क्रिप्टोग्राफी व नेटवर्किंग आदि विषयों के मूल सिद्धांतों और अनुप्रयोगों अध्ययन किया गया। जल्द ही उप निरीक्षक आशीष गुसांई व उप निरीक्षक राजेश ध्यानी एनएफएसयू दिल्ली से साइबर कमाण्डो का प्रशिक्षण प्राप्त कर पास आउट होंगे।

उन्होंने बताया कि द्वितीय चरण में उत्तराखण्ड से साइबर कमाण्डो प्रशिक्षण के लिए उत्तीर्ण 72 अभ्यर्थियों को देश के प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थान, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) आदि में गहन व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किये जाने हेतु बारी बारी भेजा जाएगा।

प्रशिक्षित साइबर कमांडो अपने मूल संगठन के लिए काम करेंगे और उनसे डिजिटल फोरेंसिक, घटना प्रतिक्रिया और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) बुनियादी ढांचे को सुरक्षित करने में प्रशिक्षण के दौरान विकसित विशेषज्ञता के अनुसार भूमिकाएं सौंपी जाएंगी ।

हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal

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